ब्लैक मनी को खत्म करने के लिए 500 और 1000 के नोटों का किया गया मोनेटाइजेशन का सबसे ज्यादा प्रभाव रियल्टी और गोल्ड सेक्टर पर पड़ेगा। साथ ही डिजिटल पेमेंट्स कंपनियों में हिस्सेदारी रखने वालों की चांदी होगी। रियल्टी सेक्टर पर पड़ने वाले सबसे अधिक असर से प्रॉपर्टी के रेट्स गिर सकते हैं।
रियल स्टेट में ब्लैक मनी का काफी इस्तेमाल होता है। 500 और 100 के नोट्स के डिमोनेटाइजेशन के बाद रियल स्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आने की उम्मीद है। इस कदम से प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट लगभग तय मानी जा रही है। ऐसे में निवेशक रियल स्टेट में पैसा नहीं लगा पाएंगे और बिल्डर्स को मजबूरन प्रॉपर्टी के रेट्स गिराने होंगे। दिल्ली-एनसीआर में इस का सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा क्योंकि यह मार्केट कैश में कारोबार के लिए जाना जाता है।
कितनी होगी गिरावट
ऐस्टेट एजेंट्स असोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेजिडेंट यशवंत दलाल के अनुसार, 'प्रॉपर्टी मार्केट्स में 30 प्रतिशत के करेक्शन की उम्मीद है। मार्केट्स कंडीशन्स को देखते हुए ऐसे बिल्डर्स को भी रेट्स घटाने होंगे जो चेक से पेमेंट लेते हैं। दिल्ली-एनसीआर के अलावा छोटे शहरों के प्रॉपर्टी रेट्स पर भी इसका काफी असर पड़ेगा।'
इसके अलावा प्रॉजेक्ट्स में देरी की भी समस्या आएगी। निवेश न होने की स्थिति में बिल्डर्स निमार्ण कार्य की गति कम कर देंगे। डीएलएफ के सीईओ राजीव तलवार का मानना है कि सरकार के इस कदम के बाद से रियल्टी सेक्टर ज्यादा पारदर्शी हो जाएगा।
Source - http://navbharattimes.indiatimes.com/business/property/property-news/real-estate-to-be-hit-hard-but-homes-may-get-cheaper/articleshow/55326880.cms